क्रोध बेर प्रतिशोध यही सब आने
वाली पीढ़ी की धरोहर बनते हैं ।
पूर्वजों की इच्छा आशा महत्वाकांक्षा
माता-पिता अपनी संतानों को देना
चाहते हैं समस्त विश्व का सुख
पर देते हैं अपनी पीड़ाऔं की
संपत्ति देना चाहते हैं ।
अमृत पर साथ ही साथ विश
का घड़ा भी भर देते हैं।
आप विचार कीजिए आपने
अपनी संतानों को क्या दिया ।
आज तक अवश्य प्रेम प्यार
संपति आदित्य पड़ गया साथ
ही साथ उनके मन को मैल से
भर देने वाली पूर्वगह नहीं
दिए अच्छे बुरे की पूर्व निर्धारित
व्याख्या नहीं दी । व्यक्ति का व्यक्ति
के साथ समाजों का समाजों के साथ
राष्ट्र के राष्ट्र के साथ संघर्ष क्यों
इन्हीं पूर्व ग्रहों निर्मित नहीं होती
हत्या मृत्यु क्या इन्हीं पूर्व ग्रहों से
नहीं जन्मते अर्थात माता-पिता
अपनी संतानों को जन्म के साथ
मृत्यु का दान भी देते हैं।
प्रेम की प्रकाश के साथ साथ
घृणा का अंधकार भी देते है।
और अंधकार मन का हृदय का या
वास्तविक हो उससे केवल
बाय प्राप्त होता है।